साए के बिना
तुम्हारी उँगलियाँ थामती हैं जो मेरे हाथ चलते तो हो तुम साथ पर तुम्हारा साथ है जैसे साया जिसका साथ होना न होना तय करते हैं रौशनी के कतरे मुझे प्यार है इस साए से पर ये भी सच है अधूरा नहीं कोई जिस्म किसी साए के बिना