फैंटम थ्रैड के बहाने: प्यार में डूबी हुई औरत और पर्दे के पीछे छुपा हुआ आदमी


ज़िंदगी सेल्युलॉइड: पहली किश्त



मुझे लगता है अंग्रेज़ी फिल्मों की शौकीन ऐसी कोई लड़की नहीं हो सकती जिसे डेनियल डे लुइस से प्यार न हो. 60 साल के हो चुके इस अभिनेता की चमकती आंखों और रौशन मुस्कुराहट को जब भी स्क्रीन पर देखती हूं, हमेशा सोचती हूं कि उन्हें हकीकत में देखना कैसा होगा.

डे लुइस अपनी आखिरी फिल्म में एक ऐसे मर्द रेनॉल्ड वुडकॉक के तौर पर दिखते हैं जिसके लिए उसका काम, और काम में खुद को डुबाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. या कहूं तो काम मिस्टर वुडकॉक के लिए वो पर्दा है जिसके पीछे छुप जाने पर वो सोचते हैं कि कोई उन्हें देख नहीं रहा है, वो खुद भी नहीं. लेकिन ये फिल्म मुझे डेनियल डे लुइस से ज़्यादा एल्मा के बारे में सोचने पर मजबूर करती है. हां, एल्मा का किरदार निभाने वाली विकी क्रीप्स के बारे में नहीं, लेखक-निर्देशक पॉल थॉमस एंडरसन के गढ़े किरदार एल्मा के बारे में.

एल्मा एक छोटे शहर की लड़की है. बहुत संवेदनशील है. जिसे हम अंग्रेज़ी में कहें तो वल्नरेबल है. पर उतनी ही ज़हीन और आत्मविश्वास से लबरेज़ भी. ज़िंदगी उसके लिए एक तोहफा है. वो उस तोहफे के लिए शुक्रगुज़ार तो है लेकिन उस की रीढ की हड्डी मजबूत है. मिस्टर वुडकॉक उस छोटे शहर की आम वेट्रेस को अपनी डाइनिंग टेबल पर जगह देते हैं, पर इसके एवज में वो खुद को उनके कदमों में नहीं बिछाती.

वो जानती है कि उसे इस बूढ़े होते आदमी से प्यार है. और क्योंकि वो प्यार में है, वो देख सकती है कि इस आदमी ने खुद को कहां छुपाया हुआ है. वो देखती है कि वो बहुत उदास और अकेला है (जिस तरह वो अपनी मरहूम मां को याद करता है, उसका अकेलापन ज़ाहिर होता है), लेकिन मानना नहीं चाहता. और फिर वो वही करती है जो प्यार में डूबी हुई एक औरत करना चाहती है. वो किश्तों में ही सही, उस आदमी को पर्दे के पीछे से बाहर निकालती है. उसे महसूस करवाती है कि पर्दे के पीछे छुपना, ज़िंदगी नाम के तोहफे के सिर्फ रैपिंग पेपर से प्यार करना है. वो उससे साफ कहती है कि आप को लगता है कि आप मजबूत हैं, पर मेरे लिए नहीं. 

वो उसके अंदर के बच्चे को, कमज़ोर (कमज़ोर होना बुराई तो नहीं, हम सब का एक न एक हिस्सा काफी कमज़ोर होता है) आदमी को बाहर निकालती है, उसे खुद पर निर्भर होने का मौका देती है. उसे वो सारा प्यार महसूस करने का, जीने का मौका देती है जो एल्मा के दिल में सिर्फ वुडकॉक के लिए है. क्योंकि प्यार का सिर्फ होना काफी नहीं है, उसे महसूस करने, उसे जीकर देखने, उसे मांगने और देने में ही उसका पूरा होना है. प्यार उस महंगी शराब की तरह क्यों हो, जो सिर्फ कैबिनेट में सजाने के लिए है? उस शराब का होना कैसा होना है जिसे पिया ही नहीं गया!

फिल्म के आखिरी दृश्य में एल्मा वुडकॉक से कहती है:
आइ वॉन्ट यू फ्लैट ऑन योर बैक. हैल्पलेस, टेंडर, ओपन विद ओनली मी टू हेल्प. एंड देन आइ वॉन्ट यू स्ट्रॉन्ग एगेन. यू आर नॉट गोइंड टू डाइ. यू माइट विश यू आर गोइंग टू डाइ, बट यू आर नाट गोइंग टू. यू नीड टू सैटल डाउन अ लिटल.

आहक्या हम में से हर एक औरत ऐसा ही नहीं चाहतीजब हम प्यार में होती हैं और वो आदमी, जिससे हमें प्यार है, वो छुपा होता है, उसी चमकते हुए, पर खुरदुरे रोज़गार के परदे के पीछे.

यहां मैं फिल्म की शुरूआत की ओर लौट कर एल्मा का पहला डायलॉग याद दिलाना चाहुंगी.

फिल्म की शुरुआत में एल्मा कहती है:
रेनॉल्ड हैज़ मेड माइ ड्रीम्स कम ट्रू. एंड आइ हैव गिवन हिम व्हाट ही डिज़ायर्स मोस्ट इन रिटर्न. एव्री पीस ऑफ मी. मे बी ही इज़ द मोस्ट डिमांडिंग मैन.

अगर वुडकॉक डिमांडिंग है तो एल्मा भी कम डिमांडिंग नहीं है. एल्मा के लिए रेनॉल्ड के साथ होना आसान नहीं है, और बिना डिमांडिंग हुए तो बिलकुल नहीं. शायद ये हम में से किसी के लिए भी आसान नहीं होता. पर हम कोशिश करते रह सकते हैं. रोज़. एल्मा की तरह अपने मिस्टर वुडकॉक को ये महसूस कराने की (कई बार बताना काफी नहीं होता) कि उसकी ज़िंदगी हमारे बिना कितनी खाली है. वो हमारे बिना कमज़ोर और अकेला (जैसे हम उसके बिना हैं). और वो हमें मांग सकता है, बल्कि उसे मांगना ही चाहिए (जैसे हम उसे उससे मांग रहे हैं). ये उसका हक है. और हमारा भी.



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